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अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिये स्वतः रोजगार योजना का संचालन

                        गरीबी की रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों को कृषि ,सेवा, व्यवसाय, यातायात हेतु रू20000- से रू07 लाख तक की परियोजना लागत तक ऋण विभिन्न बैंकों के माध्यम से स्वीकृत किया जाता है। योजना के अन्तर्गत 50 प्रतिशत या अधिकतम रू10.000 का शासकीय अनुदान एवं योजना की लागत का 25 प्रतिशत मार्जिनमनी ऋण 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर निगम द्वारा लाभार्थी को बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।

  • चयन की प्रक्रियाः     स्वतः रोजगार योजना के अन्तर्गत लाभान्वित करने से पूर्व लाभार्थियों का चयन ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा की खुली बैठकों में एवं शहरी क्षेत्रों में साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है।
  • पात्रताः स्वतः रोजगार योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने के लिए निम्नलिखित पात्रताएं आवश्यक हैंः-
  • प्रार्थी अनुसूचित जाति का हो। जाति प्रमाणपत्र तहसीलदार द्वारा प्रदत्त किया जायेगा।
  • प्रार्थी की आय ग्रामीण क्षेत्र में रू 15.975 एवं शहरी क्षेत्र में रू 21,206 से अधिक नहीं होनी चाहिये। आय प्रमाणपत्र शहरी क्षेत्रों में तहसीलदार तथा ग्रामीण क्षेत्र में खण्ड विकास अधिकारी आर्थिक रजिस्टर के आधार पर देंगे।
  • प्रार्थी ने इससे पूर्व निगम अथवा किसी वित्तीय संस्थान या शासकीय विभाग से कोई अनुदान की सुविधा प्राप्त न की हो एवं किसी वित्तीय संस्थान का बकायेदार न हो।
  • यातायात के सन्दर्भ में प्रार्थी के पास कामर्शियल ड्राइविंग लाइसेन्स होना अनिवार्य है।
  • योजनांएः     योजना के अन्तर्गत यद्यपि उपर्युक्त प्रस्तर में अवगत करा दिया गया है कि कृषि ,सेवा ,व्यवसाय , यातायात के क्षेत्र में ऋण उपलब्ध कराया जाता है तथापि कुछ निर्देशात्मक योजनाओं के नाम लाभार्थियों के सुलभ सन्दर्भ हेतु निम्नवत हैंः-

कृषि उपकरण, आॅटोमोबाइल वर्कशाप , बैण्डपार्टी , आर्केस्ट्रा ,ब्यूटी पार्लर, साइकिल मरम्मत , बायोगैस प्लान्ट,नाई की दुकान , बुकबाइन्डिंग , ईंट बनाना , बैलगाड़ी, केबिल टी0वी0 ,मोमबत्ती बनाना , ग्रीटिंग कार्ड बनाना ,कालीन उद्योग, कपड़ा व्यवसाय ,तांम्र उद्योग, डिपार्टमेन्टल स्टोर , ढाबा व रेस्टोरेन्ट ,ड्राइविंग स्कूल ,फलफुल उत्पादन ,आटा चावल चक्की ,बकरीपालन , ब्रेकरी ,पनसारी की दुकान , हाॅजरी , बांस का फर्नीचर बनाना ,लकड़ी का फर्नीचर बनाना ,चमड़े का सामाना बनाना ,जूते बनाना, सीमेन्ट के ब्लाक बनाना, मधुमक्खीपालन, नर्सिगं होम, मुर्गीपालन, प्रिन्टिंग प्रैस , कुम्हार का काम ,मिठाई की दुकान, सिलाई की दुकान , टायर सर्विसिंग ,लेमिनेशन , पीसीओ /एसटीडी,टेन्ट हाउस ,यातायात आॅटो टैक्सी ,मार्बल पाॅलिस ,विद्युत वस्तु की विक्री एवं रिपेयरिंग, फास्ट फूड की दुकान  आदि।