- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिये स्वतः रोजगार योजना का संचालन
- शहरी क्षेत्र दुकान निर्माण योजना
- जीविका अवसर प्रोत्साहन योजना(अनुसूचित जाति एवं जनजाति)
- शिल्पी ग्राम(अनुसूचित जाति एवं जनजाति)
- स्वच्छकारों एवं उनके आश्रितों की विमुक्ति एवं पुर्नवास की योजना
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजनाएं
शहरी क्षेत्र दुकान निर्माण योजना
शहरी क्षेत्र ,अर्द्ध शहरी क्षेत्र, व्यवसायिक स्थल पर यदि गरीबी की रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लक्षित अनुसूचित जाति के लाभार्थियों की स्वयं की निजी भूमि उपलब्ध हो तो निगम द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता द्वारा प्राप्त धनराशि से लाभार्थी के लिये दुकान निर्माण योजना के अन्तर्गत मैदानी क्षेत्रों हेतु रू78000- तथा पर्वतीय क्षेत्रों हेतु रू85000 की धनराशि उपलब्ध कराई जाती है जिसमें रू0 10000 शासकीय अनुदान के रूप में एवं अवष्ेाष ब्याजमुक्त ऋण के रूप में होता है जिसकी वसूली 120 समान मासिक किस्तों में की जाती है। दुकान का निर्धारित साइज 10X8 का होगा एवं इसके साथ 4 फिट का बरामदा भी होगा।
दुकान निर्माण का कार्य पूर्ण कराने के बाद लाभार्थी को उसकी अभिरूचि एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार व्यवसाय चलाने हेतु स्वतः रोजगार योजना के अन्तर्गत ऋण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है जिसमें लाभार्थी को रू0 20000- से रू0 7.00 लाख तक की ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है जिसके सापेक्ष रू010000- अनुदान एवं 25 प्रतिशत मार्जिनमनी ऋण की धनराशि भी अनुमन्य है। शेष धनराशि बैंक ऋण के रूप में दी जाती है। दुकान निर्माण हेतु आवेदन देने की प्रक्रिया एवं पात्रताएं वही हैं जो स्वतः रोजगार योजना के अन्तर्गत निर्धारित हैं।
- विभागीय सॉफ्टवेयर
- समाज कल्याण विभाग
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय
- दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग
- राष्ट्रीय जनजाति वित्त विकास निगम
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम
- राष्ट्रीय पिछड़ा वित्त विकास निगम
- उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ वित्त विकास निगम
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम